Aug 6, 2024, 11:55 AM IST

Premananad Ji Maharaj से जानें भजन के वक्त ही क्यों भटकता है मन

Nitin Sharma

वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज सत्संग सुनाने के साथ ही राधा नाम जप करते हैं. इसमें मौजूद भक्त महाराज से अध्यात्म से जुड़े सवाल पूछते हैं. 

प्रेमानंद महााज से एक भक्त ने पूछा कि भजन कीर्तन करते समय मन क्यों भटकता है. महाराज जी ने भक्त के इस प्रश्न का जवाब दिया.

प्रेमानंद महाराज ने बताया कि जब आप भजन करते हैं तो एकाग्र होते हैं. ऐसे में आपको पता लगता है कि आपका मन भटक रहा है.

दिनभर आपका मन इधर उधर विचरण करता है. इसलिए आप ध्यान नहीं दे पाते. 

महाराज जी ने बताया कि जब आप भजन करते हैं और मन को भगवान में लगाना चाहते हैं. तब पता चलता है कि आपका मन भटक रहा है.

महाराज जी कहते हैं जो विषयी पुरुष हैं, उन्हें पता नहीं लग पाता कि उनका मन उन्हें जाल में फंसा रहा है.धोखेबाजी कर रहा है. 

जैसा आपको मन कहता है और आप वैसा ही कर रहे हैं तो बहुत खुशी होती है, लेकिन जब भजन करते हैं तो इस पर बोझ पड़ता है. गंदगी जबरदस्ती निकालनी पड़ती है. 

प्रेमानंद जी महाराज उदाहरण देते हुए कहा कि अक्सर हमें गंदगी साफ करने के लिए झाड़ लगानी पड़ती है. इसी के बाद गंदगी निकलती है.

महाराज जी कहते हैं भजन और नाम जप,मन की गंदगी निकालकर उसे निर्मल बनाने वाली झाड़ ही है. 

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि 10 साल तक भजन करने पर भी वही वृत्ति आती है तो इसका मतलब है कि आपके द्वारा बार बार वही वृत्ति हुई है.