आज यानी 6 अप्रैल को भारत समेत हिंदू धर्म को मानने वाले सभी देशों में भगवान राम की जन्म बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है.
ऐसे में हम आपको बताने जा रहे है कि अभिवादन करते समय दो बार ही राम-राम क्यों बोला जाता है.
हिन्दू संस्कृति और सभ्यता के अनुसार जब हम किसी से मिलते हैं तो या तो हाथ जोड़कर नमस्कार करते है.
या फिर भगवान का नाम लेकर सामने वाले व्यक्ति का अभिवादन करते हैं.
ऐसा माना जाता है कि आप माला करते है तो एक-एक मनके से गुजरने के बाद पूरी माला समाप्त होने पर 108 मंत्र होते हैं.
लेकिन राम-राम शब्द में इतनी ताकत है कि केवल इसके उच्चारण से ही 108 राम जप हो जाता है.
राम शब्द का पहला अक्षर यानी 'र' सत्ताइसवें स्थान पर आता है। वहीं दूसरा अक्षर 'आ' जो कि मात्रा के रूप में 'र' के साथ लगता है वह दूसरे स्थान पर आता है और 'म' पच्चीसवें स्थान पर आता है
अगर इन सभी को जोड़ दिया जाए तो वह योग 108 होगा. इसलिए राम-राम दो बार बोला जाता है.