Mar 24, 2024, 10:53 PM IST

भाई से मिले इस श्राप की वजह से माता सीता को छू भी नहीं पाया था रावण

Nitin Sharma

हिंदू धर्म के ज्यादातर लोगों ने रामायण पढ़ी और सुनी होगी. इसमें भगवान श्रीराम के साथ ही रावण का भी तमाम बार जिक्र किया गया है. 

जहां श्रीराम चंद्र ने ऋषि मुनियों को राक्षसों से मुक्ति दिलाई. वहीं सर्व शक्तिशाली रावण ने   तमाम अत्याचार किये.

ज्ञानी होने के बाद भी रावण गलत रास्ते पर चला और उसने माता सीता का हरण कर लिया. 

माता सीता का हरण ही रावण की मौत की वजह बना. रावण ने माता सीता का हरण कर अशोक वाटिका में रखा था.

क्या आप जानत हैं कि सीता का हरण करने के बाद भी रावण उन्हें छू भी नहीं पाया. इसके पीछे की वजह उसे भाई से मिला श्राप था.

वाल्मीकि रामायण के उत्तरकांड में 26 वें अध्याय और 39वें श्लोक में रावण को मिले श्राप का जिक्र किया गया है. इसके अनुसार रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न कर सबसे बलशाली होने का वरदान प्राप्त कर लिया.

यह वरदान प्राप्त कर रावण अपने भाई नलकुबेर के शहर पहुंच गया. यहां जब वह विश्राम कर रहा था. तभी उसकी नजर स्वर्ग की अप्सरा रंभा पर पड़ी.

रंभा के साथ रावण ने दुराचाया किया. उसने बताया कि वह उसके भाई की पत्नी है, लेकिन रावण इसके बाद भी नहीं माना.

इस पर रावण के भाई नलकुबेर ने रावण को श्राप दिया कि अगर उसने किसी पराई स्त्री को बिना उसकी इच्छा के छुआ तो उसके मस्तक के 100 टुकड़े हो जाएंगे. इसी श्राप की वजह से रावण ने सीता को हाथ नहीं लगाया था.