रामायण में रावण के साथ ही उसकी बहन शूर्पणखा का कई जगहों पर जिक्र किया गया है. वह ऋषि विश्रवा और कैकसी की पुत्री थी.
शूर्पणखा बेहद सुंदर होने के साथ ही उसके नाखून बेहद लंबे थे. बताया जाता है कि इसी वजह से उसका नाम शूर्पणखा रखा गया था.
शूर्पणखा रावण की बेहद प्रिय थी. वह उसकी छोटी बहन थी.
रावण ने अपनी बहन के अपमान का बदला लेने के लिए ही माता सीता का हरण कर लिया था.
लेकिन क्या आपको पता है कि रावण के अंत में उसके कर्मों के साथ ही बहन का श्राप भी अहम रहा.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण की बहन शूर्पणखा अपने भाई रावण का सर्वनाश करना चाहती थी. उसने मन ही मन रावण के अंत करने का श्राप दिया था.
बहन के रावण का अंत करने के श्राप के पीछे की वजह उसके पति विद्युतजिव्ह का रावण द्वारा वध किया जाना था.
विद्युतजिव्ह के कालकेय के सेनापति थे. जब रावण कालकेय को मारने पहुंचे तो शूर्पणखा का पति विद्युतजिव्ह सामने आ गया. इस पर रावण ने विद्युतजिव्ह का वध कर दिया. इसका पता शूर्पणखा को लगा तो उसने अपने भाई रावण को श्राप दिया कि उसका भी एक दिन ऐसे ही अंत होगा.