Mar 11, 2024, 10:06 AM IST

त्रेतायुग में राम-लक्ष्मण ही नहीं, इन दो भाइयों ने भी काटा था वनवास

Nitin Sharma

त्रेतायुग में पिता दशरथ के वचन को पूर्ण करने के लिए भगवान श्रीराम माता सीता और लक्ष्मण के साथ 14 साल के वनवास पर गये थे.

इस दौरान भरत और शत्रुघ्न अपने ननिहाल में गये हुए थे. यह तो सभी लोग जानते हैं. 

लेकिन क्या आपको पता है कि श्री राम और लक्ष्मण के साथ ही भरत और शत्रुघ्न ने भी वनवास काटा था. 

भरत और शत्रुघ्न ननिहाल से लौटे तो उन्हें पता चला कि पिता दशरथ की मृत्यु हो गई और मां के द्वारा मांगे गये वरदान के चलते श्री राम वनवास चले गये हैं.

श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के वनवास पर जाने का पता लगते ही भरत शत्रुघ्न अपनी मां और सेना को लेकर श्रीराम लेने वन पहुंच गये. 

विनती करने के बाद भी जब श्री राम अयोध्या वापस नहीं लौटे तो भरत भाई की चरणपादुका को सिर पर रखकर नंदीग्राम के जंगल में पहुंचे.

यहां भरत ने कहा कि वह यही से राजकाज देखेंगे, जब तक श्रीराम अयोध्या नहीं लौटेंगे. तब तक वह भी वन में ही कुटिया बनाकर रहेंगे.

तीन भाईयों के राजमहल छोड़कर जंगल में रहने से आहत होकर चौथे भाई शत्रुघ्न ने भी अयोध्या छोड़कर वन में रहने का फैसला कर लिया. 

शत्रुघ्न बिना किसी को बताएं राजमहल छोड़कर भरत की कुटिया के बाहर तपस्वी के रूप में रहने लगे. इस तरह चारों भाईयों ने 14 साल तक वनवास काटा.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)