May 26, 2024, 10:12 AM IST
त्रेतायुग में रामायण में श्रीराम के जन्म से लेकर रावण के पाप और वध का अंत बड़े ही विस्तार से लिखा गया है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रेतायुग में पृथ्वी पर असुरों के अत्याचार बढ़ने पर भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में पृथ्वी पर जन्म लिया.
एक समय आया, जब रावण के पाप और कृत्य से ऋषिमुनि परेशान हुए तो भगवान राम ने रावण का वध कर दिया. लेकिन कभी सोचा है कि भगवान श्रीराम रावण का वध न करते तो और कौन उसका वध कर सकता था.
रामायण के अनुसार, त्रेतायुग में दो और ऐसे योद्धा थे, जो रावण का वध कर सकते थे. रावण इनके सामने आने से भी कांपता था.
रामायण के अनुसार, बेहद बलशाली रावण मायावी और आसुरी शक्तियों से पूर्ण था. उससे देवता भी घबराते थे.
यही वजह है कि इन दोनों के सामने आने से ही रावण डरता था. वहीं रावण का वरदान था कि उसकी मृत्यु मुनष्य के हाथ होगी. इसलिए श्रीराम ने ही उसका वध किया.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)