Jun 9, 2024, 08:02 AM IST

दशरथ के 1 वचन में बंधी थी मां सीता, वरना बिना युद्ध भस्म कर देती रावण 

Nitin Sharma

त्रेतायुग में जन्मीं जनक की पुत्री माता सीता को धरती की बेटी माना जाता था. 

माता सीता खुद शक्ति स्वरूपा थी. यही वजह है कि उनका विवाह भगवान श्रीराम से हुआ. 

माता सीता चाहती तो खुद ही रावण को भस्म कर सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. 

पौराणिक कथाओं में इसकी वजह माता सीता का राजा दशरथ को दिया गया एक वचन बताया जाता है. 

बताया जाता है कि माता सीता विवाह के बाद ससुराल आई तो उन्होंने सबसे पहले ऋषि मुनियों और परिवारजनों के लिए खीर बनाई थी. 

जब माता सभी के लिए खीर परोस रही थी. तभी एक हवा का झोंका आया. इससे एक छोटा सा तिनका आकर राजा दशरथ की खीर में गिर गया.माता सीता ने यह तिनका तो देख लिया, लेकिन सभी के सामने उसे निकाले या नहीं. इसको लेकर दुविधा में आ गई. 

तभी माता सीता ने तिनके को दूर से घूरा सीता की दृष्टि पड़ते ही वह तिनका राख बन गया. 

सीता जी का यह चमत्कार राजा दशरथ ने देख लिया. यह देखते ही वह समझ गये कि माता सीता कोई साधारण स्त्री नहीं जगतजननी हैं.

इस पर राजा दशरथ ने माता सीता को कक्ष में बुलाकर वचन लिया कि वह कभी भी अपनी इस दृष्टी को किसी को नहीं दिखाएंगी. साथ ही अपनी शक्तियों का ऐसा इस्तेमाल नहीं करेंगी.

माता सीता ने दशरथ को ये वचन दिया. यही वजह है कि माता सीता रावण को भस्म कर सकती थीं, लेकिन अपने ससुर राजा दशरथ से किए वादे की वजह से उन्होंने ऐसा नहीं किया. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)