Apr 5, 2024, 01:46 PM IST

कैकेयी नहीं कौशल्या के वचन की वजह से राम सीता गए वनवास

Smita Mugdha

राम और सीता के वनवास के लिए कैकेयी को जिम्मेदार माना जाता है, लेकिन यह प्रसंग पूर्व जन्मों से जुड़ा है.

राजा दशरथ पूर्व जन्म में स्वायम्भु मनु थे और कौशल्या उनकी पत्नी शतरूपा थीं. 

दोनों ने तब भगवान विष्णु की कठोर तपस्या की थी और उन्हें पुत्र रूप में पाने का वर मांगा था. 

भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर पुत्र रूप में आने का वादा तो किया, लेकिन एक चिंता भी स्पष्ट की थी. 

भगवान विष्णु ने कहा कि त्रेता में वह उनके घर पुत्र के रूप में आएंगे, लेकिन उन पर सृष्टि में पापों के नाश का दायित्व भी होगा. 

पाप और अन्याय को खत्म करने के लिए उन्हें उनसे अलग भी रहना पड़ सकता है जिस पर ऋषि दंपती सहमत हो गए. 

यही वजह है कि जब दशरथ और कौशल्या को पुत्र के रूप में प्रभु श्रीराम मिले, तो उन्हें उनसे वियोग सहना पड़ा था.

उस वक्त मानवीय परिस्थितियां ऐसी बनी कि दशरथ के कैकेयी को दिए वचन की वजह से उन्हें राम को वनवास भेजना पड़ा.

गीता में भी कहा गया है कि पूर्व जन्म के कर्म इस जन्म में और इस जन्म के कर्मों का फल अगले जन्म में मिलता है.