Aug 7, 2024, 11:24 PM IST

महाभारत के युद्ध के साथ चलती रही थी गुप्त लड़ाई, जानें क्या है वह प्रसंग

Smita Mugdha

महाभारत के युद्ध के बारे में हम सब जानते हैं कि यह अधर्म पर धर्म की जीत के लिए लड़ा गया था. 

इसमें कौरवों और पांडवों के बीच संग्राम हुआ था जिसमें खुद श्रीकृष्ण अर्जुन के सारथी बने थे. 

क्या आप जानते हैं कि महाभारत का युद्ध ऐसा युद्ध था जिसमें प्रत्यक्ष संघर्ष के अलावा कुछ गुप्त लड़ाइयां लड़ी गई थीं.

आइए जानते हैं महाभारत के ऐसे ही गुप्त संघर्षों के बारे में जिसने काफी हद तक युद्ध का नतीजा तय किया था.  

हम सब जानते हैं कि भीष्म पितामह ने महाभारत में कौरवों की ओर से युद्ध किया था लेकिन वह मन से पांडवों के साथ थे.

अर्जुन और पांडवों के मन में भाइयो और संबंधियों की हत्या का अपराधबोध आने पर भीष्म ने उन्हें नीति और अनीति का भेद समझाया था. 

इसी तरह से गुरु द्रोणाचार्य भी कौरव पक्ष की ओर से लड़े थे, लेकिन मन ही मन वह पांडवों की विजय के लिए प्रार्थना करते थे.

इसी तरह से कर्ण भी युद्ध का परिणाम जानते थे लेकिन वह अपने मैत्री धर्म का निर्वाह करने के लिए कौरवों के साथ रहे. 

पांडव और कौरव दोनों ही जानते थे कि उन्हें अपने प्रियजनों को खोना पड़ेगा और युद्ध के बाद आपसी संबंध सुधर जाएंगे.