Apr 9, 2024, 11:38 AM IST

भगवान राम ने क्यों ली थी जल समाधि?

Aman Maheshwari

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की मृत्यु को लेकर अलग-अलग कथाएं प्रचलित हैं. पद्म पुराण में इस बात का जिक्र है कि भगवान राम ने स्वयं की इच्छा से समाधि सरयु नदी जल समाधि ले ली थी.

भगवान राम के जल समाधि लेने के बारे में कई मान्यताएं हैं. राम जी गुप्तार घाट पर जल समाधि ली थी. गुप्तार घाट अयोध्या राम जन्मभूमि से 11 किलोमीटर दूर हैं.

आइये आपको इनके बारे में बताते हैं कि, आखिर क्यों भगवान राम ने जल समाधि ली थी

एक कथा के अनुसार, माता सीता जब पुत्र लव और कुश को भगवान श्री राम को सौंप कर धरती में समा गई. तो भगवान श्री राम दुखी हो गए.

सीता के दूर जाने से दुखी भगवान राम ने यमराज की सहमति से सरयू नदी के गुप्तार घाट में जल समाधि ले ली थी.

एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान राम ने लक्ष्मण के जल समाधि लेने के बाद खुद भी जल समाधि ले ली थी.

एक बाद यमदेव संत का रूप धारण करके भगवान राम से गुप्त वार्ता कर रहे थे. उन्होंने राम जी से वचन लिया था कि अगर हमारी वार्ता के बीच कोई आया तो द्वारपाल को मृत्यु दंड मिलेगा.

भगवान राम ने लक्ष्मण को द्वारपाल बनाकर खड़ा किया था. ऋषि दुर्वासा वहां पहुंचकर राम जी से मिलने की हट करते हैं.

ऋषि दुर्वासा ने भगवान राम को श्राप देने की बात कहीं तो लक्ष्मण ने अपने प्राण की चिंता किए बिना उन्हें अंदर जाने दिया. जिसके बाद लक्ष्मण ने जल समाधि ली थी.

Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.