Apr 7, 2024, 01:54 PM IST

जैन रामायण में सीता और रावण के बारे में ये क्या लिखा है?

Aditya Prakash

रामायण के करीब 300 संस्करण हैं. कुछ ऐसे संस्करण हैं जिनमें रावण को माता सीता का पिता बताया गया है.

संघदास की जैन रामायण और गुणभद्र के उत्तरपुराण में माता सीता को रावण और मंदोदरी की पुत्री बताया गया है.

इन रामायणों के अनुसार सीता के जन्म के बाद रावण के राज पुरोहित ने एक बड़ी भविष्यवाणी की थी.

इसमें कहा गया था कि रावण की यह पुत्री रावण और पूरे लंका के राक्षस वंश के विनाश का कारण बनेगी.

इस भविष्यवाणी की वजह से रावण ने माता सीता की भूमि समाधि का आदेश दे दिया था.

इस भूमि समाधि के कुछ समय बाद राजा जनक को जमीन की खुदाई के समय माता सीता मिली थीं.

हालांकि इन बातों का वर्णन वाल्मीकि रामायण और तुलसीदास लिखित रामचरित मानस में कहीं नहीं मिलता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.