सुभद्रा की इस प्रतिज्ञा की वजह से श्रीकृष्ण और अर्जुन में हुआ था युद्ध
Nitin Sharma
महाभारत युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के सारथी बनकर उन्हें कौरवों से जीत दिलाई थी.
लेकिन एक समय ऐसा आया, जब भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन में ही युद्ध हो गया.
दरअसल महाभारत काल में चित्रसेन आकाश से गुजर रहे थे. उन्होंने नीचे थूक दिया. उनका थूक महर्षि गालव के मुंह पर आकर पड़ा.
इस से महर्षि गालव बेहद गुस्से में आ गये. उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को बताया कि चित्रसेन ने उन पर थूका है. उसे सबक सिखाना है.
ब्राह्मण के अपमान का बदला लेने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने चित्रसेन का वध करने के लिए सुद्रर्शन चक्र चला दिया.
इसका पता लगते ही चित्रसेन परेशान हो गया. वह अपने प्राण बचाने के लिए नारद मुनि के पास पहुंच गये. उन्होंने पूछा कि कैसे प्राणों की रक्षा हो सकती है.
नारद मुनि ने चित्रसेन को बताया कि तुम्हारे प्राणों की रक्षा अर्जुन कर सकते हैं. चित्रसेन जानता था कि अर्जुन श्रीकृष्ण का भक्त है. वह उनके खिलाफ शस्त्र नहीं उठाएंगे. इसलिए चित्रसेन अर्जुन की पत्नी सुभद्रा के पास जा पहुंचे.
यहां चित्रसेन ने सुभद्रा से मिलकर उन्हें बताया कि वह अर्जुन के गुरु हैं. इस समय मेरे प्राण खतरे में हैं. मेरी मदद कीजिये. सुभद्रा ने बिना पूरी बात जाने अर्जुन को चित्रसेन के प्राणों की रक्षा करने की प्रतिज्ञा दे दी.
उसने अर्जुन को बताया कि वह चित्रसेन को वचन दे चुकी हैं कि तुम्हारे प्राणाों की रक्षा अर्जुन करेंगे.
इसी के प्रतिज्ञा के चलते श्रीकृष्ण और अर्जुन आमने सामने आ गये. श्रीकृष्ण चित्रसेन को मारना चाहते थे तो वहीं अर्जुन ने सुभद्रा की प्रतिज्ञा के लिए चित्रसेन को बचाने का प्रण ले लिया था.
भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन में भयानक युद्ध छिड़ गया. यह पता लगते ही देवता भी आ गये. युद्ध को रुकवाने के लिए सभी ने प्रयास किया.आखिर में ब्रह्मदेव युद्ध क्षेत्र में पहुंचे. उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन को समझाया और ब्रह्मास्त्र वापस लेने का अनुरोध किया.
ब्रह्मदेव के समझाने और अनुरोध पर जाकर श्रीकृष्ण और अर्जुन में समझौता हुआ.
भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन में भयानक युद्ध छिड़ गया. यह पता लगते ही देवता भी आ गये. युद्ध को रुकवाने के लिए सभी ने प्रयास किया.आखिर में ब्रह्मदेव युद्ध क्षेत्र में पहुंचे. उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन को समझाया और ब्रह्मास्त्र वापस लेने का अनुरोध किया.