Feb 29, 2024, 12:26 PM IST
गुरु रामकृष्ण परमहंस भारत के महान संत और आध्यात्मिक गुरुओं में से एक थे. उन्होंने बेहद छोटी उम्र में परमात्मा को पा लिया था. रामकृष्ण परमहंस को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता था.
रामकृष्ण परमहंस का जन्म 18 फरवरी 1836 में पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गांव कामारपुकुर में हुआ था. वह माता काली के बड़े भक्त थे.
रामकृष्ण परमहंस ही स्वामी विवेकानंद के गुरु थे. उन्होंने ही स्वामी विवेकानंद को सही रास्ता दिखाया. उसी मार्ग पर चलकर विवेकानंद परम ज्ञानी बनें.
स्वामी रामकृष्ण परमहंस के बचपन का नाम गदाधर चट्टोपाध्याय था. बताया जाता है कि गदाधर के जन्म से पहले उनके पिता को सपना आया था, जिसमें उन्होंने देखा कि भगवान विष्णु उनके पुत्र गदाधर के रूप में जन्म लेंगे.
इसके कुछ दिन बाद ही रामकृष्ण परमहंस की मां चंद्रमणि देवी को एक शिव मंदिर में पूजा करने के दौरान उनके गर्भ में एक दिव्य प्रकाश के प्रवेश करने का अनुभव हुआ.
इसके कुछ दिन बाद ही मां चंद्रमणि देवी ने अपने सबसे छोटे बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम पिता ने श्रीकृष्ण पर गदाधर चट्टोपाध्याय रखा. प्यार से उन्हें रामकृष्ण पुकारा जाता था.