Jun 8, 2024, 08:08 PM IST

महाभारत के ये 11 योद्धा कलयुग में कल्कि का देंगे साथ  

Ritu Singh

महाभारत में 11 ऐसे पात्र थे जिन्होंने प्रत्यक्ष रूप से कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध नहीं किया था.

लेकिन कलयुग में यही 11 योद्धा चौथा धर्मयुद्ध लड़ेंगे जब कल्कि अवतार होगा और कलयुग का अंत भी.

महाभारत में 45 लाख लोग शामिल हुए थे. लेकिन 11 योद्धा कौरव और पांडवों की ओर से ऐसे थे जो महाभारत युद्ध नहीं लड़े थे.

संत अच्युतानंद की किताब भविष्य मालिका के अनुसार ये ही 11 योद्धा कलयुग के अंत के लिए चौथा धर्मयुद्ध लडेंगे. कौन होंगे ये, जान लें

भीम का पोता बर्बरीक का शीश कृष्ण ने महाभारत से पहले ही ले लिया था. क्योंकि कौरवों को हारता देख बर्बरीक उनकी ओर से लड़ने लगता.  

युयुत्सु धृतराष्ट्र का अवैध पुत्र था और वह कौरवों नहीं पांडवों के साथ था लेकिन युद्ध नहीं लड़ा था. 

बलराम, दुर्योधन और भीम दोनों को गदा की शिक्षा दिए थे लेकिन कृष्ण पांडवों के साथ थे इसलिए वह कौरवों का साथ नहीं देते हुए युद्ध से दूर रहे.

उड्डपी राजा कौरव-पांडवों के भोजन की व्यवस्था महाभारत में देखते थे, वह भी युद्ध में किसी ओर से नहीं शामिल थे, वो तटथ थे.

संजय दिव्यदृष्टि से धृतराष्ट्र को महारभारत युद्ध का हाल बताते थे. वह भी युद्ध में शामिल नहीं हुए थे.

वेदव्यास ने नियोग विधि से कौरव वंश को संतान दिया था, धृतराष्ट्र और पांडु ही नहीं गांधारी के 100 संतानों का जन्म भी सामान्य तरीके से नहीं हुआ था.

विदुर कौरवों के मंत्री थे और वह भी युद्ध से दूर रहे थे.

धृतराष्ट्र अंधे होने के कारण युद्ध में शामिल नहीं हुए थे. 

महाभारत में शल्य भी कर्ण के सारथी थे लेकिन युद्ध नहीं लड़े थे. 

रुक्म, कृष्ण के साले को शेखी बघारने के कारण पांडवों और कौरवों ने अपने साथ नहीं लिया था.

श्रीकृष्ण भी अर्जुन के सारथी थे और महाभारत युद्ध में शामिल अप्रत्यक्ष रूप से हुए थे.

इसके अलावा परशुराम भी युद्ध नहीं लड़े थे. ये सभी कलयुग में भगवान परशुराम की सहायता करेंगे.