Jun 3, 2025, 09:44 AM IST

स्वर्ण मंदिर से जुड़े ये 7 रोचक तथ्य जानते हैं आप?

Ritu Singh

  अमृतसर में स्थित हमीन्दर साहिब को स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. ये वो मंदिर हैं जहां केवल सिख ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग आते हैं.

क्या आप स्वर्ण मंदिर से जुड़ी 7 रोचक बातों को जानते हैं? 

जब मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था, तब सोने को पॉलिश नहीं किया गया था. इसका जीर्णोद्धार 19वीं शताब्दी में पंजाब के राजा महाराजा रणजीत सिंह ने कराया था. फिर यह उस रूप में सामने आया जैसा आज दिखाई देता है. 

मंदिर निर्माण से पहले इस मंदिर के निर्माण से पहले, सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक ने इस स्थान पर ध्यान किया था. यह मंदिर सिखों के पांचवें गुरु, गुरु अंजन के समय में बनाया गया था.

अन्य धर्मों के लोग भी आते हैं यह एक पवित्र स्थान है जहां आने वाले 35 प्रतिशत पर्यटक सिख धर्म के अलावा अन्य धर्मों के अनुयायी होते हैं.

2 लाख से अधिक लोग लंगर में भोजन करते हैं धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान यहां आयोजित लंगर में 2 लाख से अधिक लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं. 

सीढ़ियाँ नीचे जाती हैं, ऊपर नहीं. यहां की सीढ़ियां अन्य पवित्र स्थानों की तरह ऊपर नहीं जातीं, 

बल्कि यहां से नीचे की ओर उतरती हैं. इसके स्वरूप की अपेक्षा इसकी डिजाइन में शालीनता है. यह सम्पूर्ण मंदिर शहर की सतह से नीचे बनाया गया है.  

स्वर्ण पालकी प्रतिदिन सुबह, गुरु ग्रंथ साहिब (सिखों का धार्मिक ग्रंथ) को फूलों और गुलाब जल के साथ अकाल तख्त साहिब से पालकी में मंदिर के दरबार हॉल में लाया जाता है.  

पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को अकाल तख्त पर वापस ले जाने के बाद पूरे दरबार को दूध से धोया जाता है. 

स्वर्ण मंदिर में मुगल और भारतीय वास्तुकला का नमूना हाथ से चित्रित चित्रों और कलाकृति के साथ, यह मुगल और भारतीय वास्तुकला का एक अनूठा उदाहरण है.