Aug 9, 2024, 11:42 AM IST

रुद्राक्ष धारण करने के हैं ये 5 नियम, अनदेखी पर नहीं होगा फायदा

Nitin Sharma

सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना के विशेष लाभ प्राप्त होते हैं. इस महीने में शिवलिंग पर रुद्राक्ष अर्पित किया जाता है. इसके अलावा धारण करने पर भी लाभकारी साबित होता है.

रुद्राक्ष का मतलब रूद्र का अक्ष होता है. यह भगवान शिव के आंसुओं से बना है.

रुद्राक्ष को पुराने समय से गहने, सेफ्टी, घर की शांति और पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाता है.

रुद्राक्ष पहनने से पहले कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. इसलिए इन 5 नियमों को ध्यान में रख कर रुद्राक्ष को पहने. इसकी अनदेखी रुद्राक्ष के प्रताप को कम कर सकती है. 

रुद्राक्ष 17 प्रकार के होते है इनमें 12 मुखी रुद्राक्ष को सबसे ज्यादा पावरफुल माना जाता है. रुद्राक्ष को हाथ, गले और दिल के पास धारण करना लाभकारी होता है.

रुद्राक्ष धारण करते समय ध्यान रखें कि हाथ में 12, गले पर 36 या फिर लंबी 108 बीजों की रुद्राक्ष माला जो दिल तक आये. उसे पहन सकते हैं. 

रुदाक्ष के दानों को लाल धागे में पिरोकर गले से छाती तक पहनना अच्छा होता है.  

रुद्राक्ष सोमवार के दिन और कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर पहनना शुभ होता है.

रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति को शाकाहारी खान-पान करना चाहिए, मछली-मांस और शराब पीना वर्जित माना जाता है.

रुद्राक्ष को पहनने से पहले शिव जी को चढ़ाना चाहिए. इसके बाद माला में पिरोते हुए मंत्रो के जाप के बाद इसे धारण कर सकते हैं.