Feb 23, 2024, 01:23 PM IST
लेकिन आपने कभी किसी जानवर का मंदिर देखा है, जहां उसकी पूजा करने से लेकर मनोकामना पूर्ति के लिए मेला लगाया जाता हो.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित सिकंद्राबाद में एक कुत्ते का मंदिर है. वैसे तो कुत्ते को भैरो बाबा की सवारी के रूप में पूजा जाता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है.
यूपी के सिकंद्रबाद में स्थित कुत्ते का मंदिर 100 साल पुराना है. बताया जाता है कि यहां एक बाबा रहते थे, जिन्हें लूटरिया बाबा कहा जाता था.
लटूरिया बाबा के सभी काम उनका एक कुत्ता करता था. वह उनके लिए बाजार से सामान लाने से लेकर और दूसरे काम करता था.
बताया जाता है कि बाबा ने समाधि लेने से पहले गांव वालों से आग्रह किया था कि मेरे बाद इस कुत्ते की पूजा जरूर करना.
बाबा के समाधि लेने पर कुत्ते ने भी उसमें छलांग लगा दी. गांव वालों ने उसे निकाला, लेकिन 3 दिन बाद ही कुत्ते ने प्राण त्याग दिये.
इसी के बाद से गांव वालों ने लटूरिया बाबा के साथ ही कुत्ते की समाधि बनाकर उसकी पूजा शुरू की. बताया जाता है. कि इस मंदिर में कुत्ते की पूजा अर्चना करने के साथ ही पैर में काला धागा बांधने से मनोकामना पूर्ण हो जाती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)