Feb 11, 2024, 07:24 PM IST

घर की छत पर भूलकर भी न रखें ये सामान, कंगाल हो जाएंगे आप

Nitin Sharma

वास्तु शास्त्र में व्यक्ति को दशा और दिशाओं के प्रभावों के संबंध में बताया गया है. वास्तु के विपरीत चलने पर व्यक्ति के जीवन में वास्तु दोष लगता है. 

घर की सही दिशा में एनर्जी होती है, जो उस दिशा के अनुसार, व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव करती है. सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

वहीं घर में वास्तु दोष होने पर नकारात्मकता का वास हो जाता है. यह जीवन को परेशानियों से भर देता है. जीवन में आर्थिक तंगी, गृह क्लेश और बीमारियों का वास होने लगता है.

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की छत पर भी उल्टा सीधा सामान रखने की वजह से वास्तु दोष लगता है. यह वास्तु दोष व्यक्ति के जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर देता है.

घर की छत की समय समय पर साफ सफाई करनी चाहिए. इसमें निकलने वाला कबाड़ या फिर घर कोई भी खराब या कचरा छत पर नहीं रखना चाहिए. यह अशुभता लाता है. छत वास्तु दोष प्रकट करता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को जीवन में तरह तरह की समस्याओं को सामना करना पड़ता है. जीवन कष्टों से भर जाता है.

बहुत से लोगों के घर के आसपास या छत पर पेड़ पौधे होते हैं. इसकी वजह से छत पर पेड़ पौधों झड़ने वाले पत्ते जमा हो जाते हैं. यह वास्तु दोष प्रकट करते हैं. यह व्यक्ति की तरक्की में बाधा उत्पन्न करते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के​ लिए इन्हें छत पर एकत्र न होने दें. समय समय पर छत की साफ सफाई करते रहें.

ज्यादातर लोग छत पर कपड़े सुखाते हैं. इसके लिए छत पर रस्सी बांध देते हैं, लेकिन इस दौरान भूलकर भी रस्सी का बंडल बनाकर न रखें. जितनी रस्सी की जरूरत है. उसे बांधकर बाकी के बंडल को छत से अलग कर दें. ऐसा नहीं करने पर वास्तु दोष प्रभावित होता है. यह दुख और आर्थिक तंगी का कारण बनता है. 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की छत पर कभी भी बांस नहीं रखना चाहिए. यह अशुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, बांस रखने से घर की विपत्ति आती है. व्यक्ति हमेशा किसी किसी चीज को लेकर दुखी रहता है.  

घर की छत पर पुरानी रद्दी जैसे अखराब, किताब या फिर फालतू फाइल और कागज समेत टूटा हुआ फर्नीचर और जंग लगा लोहा न रखें. इससे घर में नाकरात्मकता आती है. घर के सभी सदस्य तनाव में रहते हैं. किसी न किसी बात को लेकर परेशान रहते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)