Dec 7, 2023, 03:24 PM IST
भगवान श्रीकृष्ण भगवद्गीता में कहते हैं कि जिस प्राणी ने जन्म लिया है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है. मृत्यु एक अटल सत्य है, जिसे टाला नहीं जा सकता है.
लेकिन हिंदू धर्म ग्रंथों में 7 ऐसे लोगों का जिक्र मिलता है, जिन्हें अमरता का वरदान मिला है. ऐसे माना जाता है कि ये 8 लोग आज भी जीवित हैं और मृत्यु के बंधन से मुक्त हैं.
इन सात चिरंजीवी देवों में हनुमान जी, परशुराम, राजा बलि, विभीषण, अश्वत्थामा, महर्षि व्यास और कृपाचार्य शामिल हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि विभीषण को अमरता का वरदान क्यों मिला था.
रामायण के एक पात्र विभीषण, जो श्री राम के भक्त हैं. उन्हें भी अमरता का वरदान मिला था. रावण का भाई होते हुए भी विभीषण ने राम के प्रति अपनी भक्ति नहीं छोड़ी और निरंतर प्रभु का नाम लेते रहे.
ऐसे में विभीषण की इसी भक्ति के चलते उन्हें भगवान राम से अमरता का आशीर्वाद मिला था. इतना ही नहीं भगवान राम ने रावण पर विजय पाने के बाद सोने की लंका भी विभीषण को ही सौंप दी थी.
बता दें कि विभीषण ने हर मौके पर रावण को रोकने का प्रयास कर धर्म की शिक्षा दी, लेकिन, रावण इस बात से क्रोधित होकर विभीषण को लंका से बेदखल कर दिया था.
ऐसा कहा जाता है कि अगर रावण ने ऐसा नहीं किया होता तो संभवत: विभीषण को लंका में ही रहकर राम से युद्ध करने के लिए जाना जाता.