May 29, 2024, 05:21 PM IST

प्रेमानंद महाराज से जानें VIP दर्शन का अर्थ, ये सही या गलत

Nitin Sharma

प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन स्थित आश्रम में राधा रानी का भजन और सत्संग करते हैं. बाबा के सत्संग और प्रवचन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं.

प्रेमानंद जी महाराज रात ढ़ाई बजे उठकर नियमित रूप से वृंदावन की परिक्रमा करते हैं. 

महाराज के दर्शन और सत्संग में श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है, जिसमें लोग प्रेमानंद जी महाराज से अध्यात्म से जुड़े प्रश्न पहुंचते हैं.

इन्हीं में से एक भक्त ने महाराज जी से पूछा कि वीआईपी दर्शन करना कितना सही है. 

इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जहां रुपये के बल पर पहुंच रहे हैं. वहां भक्ती नहीं माया है.

वहां न भगवान और न ही भक्त है. बस यह खानापूर्ति है. 

प्रेमानंद जी कहते हैं, रुपये देकर वीआईपी दर्शन पाने वालों को ठाकुर जी नहीं मिलते. भगवान की भक्ति की महिमा नहीं होती.

महाराज जी कहते हैं कि माया का हर जगह सिक्का चलता है. जहां काम ​बिगड़ रहा हो या काम न बन रहा हो तो पैसा निकालो और काम बन जाएगा.

महाराज जी कहते हैं कि माया का हर जगह सिक्का चलता है. जहां काम ​बिगड़ रहा हो या काम न बन रहा हो तो पैसा निकालो और काम बन जाएगा.

लेकिन ठाकुर जी के पास यह माया नहीं चलेगी. भगवान और भगवत प्रेमी के यहां आपकी माया फेल हो जाएगी. यहां माया से काम नहीं होगा. 

भगवान का दर्शन और कृपा उसी को प्राप्त होती है, जो लाइनों में खड़े होकर ठाकुर के दर्शनों की राह देख रहा है. आंखों में भगवान के दर्शन का इंतजार है.

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि माया का मार्ग और भक्ति का मार्ग एक दम अलग है. अब आप समझ लें कि किस पर चलना है.