Aug 28, 2024, 01:24 PM IST
ऋषि, मुनि, साधु और संतों में क्या होता है अंतर
Nitin Sharma
भारत में पौराणिक काल से कई ऋषि- मुनि और साधु-संत हुए है, अधिकतर लोग इन सबको एक जैसा ही समझ लेते है.
लेकिन क्या आप जानते है साधु संतों के आचरण और कर्मों के आधार पर इनमें अंतर होता है.
जो हमेशा सच बोलता है और सत्य के मार्ग को अपनाता है, आत्मविश्वासी होता है उसे संत कहा जाता है.
जो अपने ध्यान और तपस्या से ,वेदों के ज्ञान के बिना सत्य को जान लेते है उन्हें साधु कहा जाता है.
जिन्हें वेद और शास्त्रों का पूर्ण ज्ञान होता है. इसके बाद वो हमेशा के लिए शांति धारण कर लेते है. उन्हें मुनि कहा जाता है.
वेदों को लिखने वाले को ऋषि कहा जाता है, बहुत तपस्या के बाद व्यक्ति को ऋषि की उपाधि मिलती है, ये दुनिया की मोह-माया, छल-कपट से ऊपर उठ चुके होते है.
सनातन धर्म के ग्रंथो में कई ऋषियों और मुनियों की बातें की गई है, अब आप सब में विभेद को समझ गए होंगे और संत, साधु, ऋषि, मुनि एक नहीं समझेंगे.
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