Jan 15, 2024, 11:01 AM IST

देवी सीता के पायलों को देखकर लक्ष्मण ने ऐसा क्या कहा कि रो पड़े भगवान राम 

Ritu Singh

रामायण के क‌िष्क‌िंधा कांड में उल्लेख है कि लक्ष्मण जी की एक बात सुनकर भगवान राम फफक कर रो पड़े थे. क्या था ये किस्सा चलिए जानें.

दरअसल सीता के हरण के बाद देवी सीता की खोज चल रही थी तभी देवी के कुछ आभूषण रास्ते में मिले थे.

भगवान राम जब सीता को ढूंढते हुए मलय पर्वत पर पहुंचे जहां पर राजा सुग्रीव ने देवी सीता के आभूषण राम जी को दिया था.

देवी सीता के बाजूबंद, कर्णफूल, हार और पायलों को देते हुए रामजी ने लक्ष्मण जी से पूछा की क्या आप इसे पहचान सकते हैं.

भगवान राम के इस प्रश्न को सुनकर लक्ष्मण जी फफकर रो पड़े और केवल सीता जी के पायल को पहचानते हुए कहा कि...

नाहं जानाम‌ि केयूरे, नाहं जानाम‌ि कुण्डले. नूपुरे त्वभ‌िजानाम‌ि न‌ित्यं पादाभ‌िवन्दनात्..  अर्थात - हे प्रभु वह देवी सीता के बाजूबंद, कर्णफूल, हार को नहीं पहचानते हैं, वह केवल उनके पायल को पहचान रहे हैं. 

लक्ष्मण जी ने कहा कि वह तो देवी सीता के पैरों की वंदना करते हैं इसलिए उनकी दृष्ट‌ि हमेशा उनके चरणों रही और इस कारण वह उनके पायल को पहचान रहे हैं.

लक्ष्मण जी की इन बातों को सुनकर भगवान राम इतने भावुक हुए कि उनके आंसू छलक पड़े और वे लक्ष्मण को गले लगाकर रोने लगे.

दरअसल हिंदू धर्म में भाभी को मां समान होती है और देवर पुत्र के समान.