संथारा क्या है? क्यों 3 साल की बच्ची की मौत के बाद गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम हुआ दर्ज
Ritu Singh
पूरे देश में एक घटना से लोग बेहद दुखी और सदमे में हैं. एक 3 साल की बच्ची का नाम मौत के बाद 'गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में दर्ज हुआ है.
असल में इंदौर शहर में तीन साल की बच्ची को संथारा देने का मामला सामने आया है. इस घटना से जैन समुदाय और पूरे देश में काफी चर्चा और उत्तेजना पैदा हो गई है.
इस लड़की का नाम वियाना था जिसे जनवरी 2025 में उन्हें ब्रेन ट्यूमर का पता चला और सर्जरी हुई थी लेकिन मार्च में उनकी हालत फिर से बिगड़ गई.
वियाना के माता-पिता पीयूष और वर्षा जैन ने बताया कि 21 मार्च को जैन मुनि श्री के निर्देशानुसार उसे संथारा दिया गया था.
इस धार्मिक प्रक्रिया के पूरा होने के कुछ ही मिनटों के भीतर वियाना की मृत्यु हो गई. जैन समुदाय ने इस निर्णय के लिए उनके माता-पिता का सम्मान किया है.
यह भी दावा किया जा रहा है कि इतनी कम उम्र में बच्चे को जन्म देने का यह पहला मामला है. जिसे 'गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में दर्ज किया गया है.
चूंकि जैन परिवार मुनिश्री का अनुयायी है और मुनिश्री इससे पहले 107 संथारा कर चुके हैं, इसलिए संथारा प्रक्रिया पूरे परिवार की सहमति से शुरू की गई.
लगभग आधे घंटे तक चले इस धार्मिक समारोह के 10 मिनट के भीतर ही वियाना की मृत्यु हो गई.
संथारा का मतलब क्या होता है?
जैन समाज में इस तरह से देह त्यागने को बहुत पवित्र कार्य माना जाता है. इसमें जब व्यक्ति को लगता है कि उसकी मृत्यु निकट है तो वह खुद को एक कमरे में बंद कर खाना-पीना त्याग देता है.
जैन शास्त्रों में इस तरह की मृत्यु को समाधिमरण, पंडितमरण अथवा संथारा भी कहा जाता है.