May 8, 2024, 12:05 AM IST
इस्लाम धर्म में पुनर्जन्म की क्या है वास्तविकता?
Rahish Khan
दोबारा से जन्म लेने की प्रक्रिया को पुनर्जन्म कहते हैं. कहा जाता है कि आत्मा कभी नहीं मरती, सिर्फ शरीर की मृत्यु होती है.
लेकिन इस्लाम धर्म में एक अस्पष्ट धारणा है कि मरने के बाद कोई पुनर्जन्म नहीं होता है.
मुस्लिम समाज के अनुसार, एक व्यक्ति सिर्फ एक बार ही जन्म लेता है. मरने के बाद उसे कब्र में दफना दिया जाता है, जहां वह कयामत आने तक रहता है.
कयामत के दिन यानी महाप्रलह होगी. उस दिन सभी को जिंदा किया जाएगा और उनसे अच्छे-बुरे कर्मों का लेखा-जोखा होगा.
जिन लोगों ने अच्छे कर्म किए होंगे उन्हें जन्नत (स्वर्ग) भेज दिया जाएगा. जिन्होंने पाप किए होंगे वो लोग दोजख (नरक) जाएंगे.
कुरान के सूरा अल-कहफ़ में लिखा है कि जब कयामत आएगी, उस दिन मानव, जीव-जन्तु, पशु-पक्षी, पहाड़ और जंगल समेत सब खत्म हो जाएगा.
सिर्फ एक खुला मैदान बचेगा. फिर अल्लाह (भगवान) सृष्टि को फिर से दोहराएगा.
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