Dec 12, 2024, 10:10 PM IST
मन में उल्टे ख्याल आते हैं तो क्या करें? प्रेमानंद महाराज से जानें उपाय
Meena Prajapati
वृंदावन के प्रेमानंद महाराज जी एक प्रसिद्ध संत हैं. उनके सत्संग सुनने के लिए लाखों लोग आते हैं.
एक भक्त ने बाबा से पूछा कि आध्यात्म की तरफ चलते-चलते मन विचलित होने लगता है, उल्टे ख्याल आने लगते हैं, मैं क्या करूं?
इस सवाल के जवाब में प्रेमानंद महाराज जवाब देते हैं कि संसार का मनोरंजन मन को प्रिय लगता है. ऐसे में मन की गलती नहीं है.
हम मन को जहां लगाते हैं, वो वहीं राजी होने लगता है. आध्यात्म मार्ग में हम उसे जहां-जहां लगा रहे हैं, वो उसके विरुद्ध बात है. इसलिए वो विचलित होता है.
मन भोगों को भुलाकर सदैव आपको अधीन रखता है. आध्यात्म में मन को वश में किया जाता है.
मन को जो चेला बना ले वही सच्चा गुरु. वही भक्त, वही सच्चा महात्मा है. हमें सत्संग मिल रहा है, इसलिए भगवान की हमारे ऊपर कृपा है.
मन बहुत चतुर मंत्री है, इसलिए मन को अच्छे कामों में लगाएं. जब आप मन की नहीं मानते तो वह आपको जलाना शुरू करता है.
उस जलन को जो सह गया वह भगवान को पाने का सामर्थ्य रखता है. मन में उल्टे ख्याल आने से रोकने के लिए नाम जप करें.
अच्छी बात में मन का सपोर्ट करो और बुरी बात में उसकी जलन को सह जाओ. बस वही साधना है.
नाम जप से मन अधीन हो जाएगा और तभी परमात्मा की प्राप्ति होगी.
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