May 19, 2024, 03:03 AM IST

भीम को कैसे मिली थी धरती हिलाने वाली महाबली गदा

Kuldeep Panwar

महाभारत में कौरवों के खिलाफ पांडवों की जीत के लिए अर्जुन के गांडीव धनुष के साथ ही भीम की महाबली गदा को भी श्रेय दिया जाता है.

भीम ने अपनी गदा से दुर्योधन का अंत करने के साथ ही महाभारत के युद्ध का अंत किया था. इसके अलावा भी कई महायोद्धा उन्होंने ढेर किए थे.

क्या आप जानते हैं कि भीम को उनकी चमत्कारी गदा कहां से मिली थी, जिसे जोर से पटकने के साथ ही पूरी धरती पर भूकंप आ जाते थे.

महाभारत की कथा के मुताबिक, भीम की गदा दरअसल धरती पर पहली बार मय दानव को मिली थी. मय दानव को यह एक सरोवर में मिली थी.

मय दानव बिंदु सरोवर में यह गदा मिलने पर अपने महल ले आए थे. मय वही दानव थे, जिन्होंने इंद्रप्रस्थ में पांडवों के चमत्कारी महल का निर्माण किया था.

असुरों के वास्तुकार होने के बावजूद मय दानव भगवान श्रीकृष्ण को बेहद मानते थे, क्योंकि उन्होंने एक बार उनकी जान बचाई थी.

भगवान श्रीकृष्ण ने जब मय दानव के पास बेहद चमत्कारी गदा देखी तो उन्होंने इसे पांडु पुत्र भीम को देने का आग्रह मय दानव से किया.

मय दानव ने श्रीकृष्ण का आग्रह नहीं टाला और गदा भीम को सौंप दी. इसी गदा से भीम ने महाभारत लड़ा था और दुर्योधन की जांघ तोड़ी थी.

मान्यता है कि इस गदा के एक ही वार से धरती में इतना बड़ा गड्ढा बन गया था, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर के पास आज भी भीम कुंड के तौर पर मौजूद है.

माना जाता है कि भीम की गदा 10,000 किलोग्राम से भी ज्यादा वजन की थी और आकार में किसी भी सामान्य गदा से कई गुना बड़ी थी.

भीम बचपन में दुर्योधन की जहरीली खीर के कारण मिले 10,000 हाथियों के बराबर ताकत के वरदान के कारण ही यह गदा चला पाते थे.

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