Apr 12, 2025, 09:30 AM IST
आज भी इस पर्वत पर घूमते रहते हैं हनुमान
Ritu Singh
रामायण के में रामजी ने हनुमान जी को कलयुग की रक्षा के लिए छोड़ दिया और इसलिए ही उन्हें कलयुग का जागृत देवता माना जाता है.
लेकिन कलयुग में हनुमान जी का वास कहां बताया गया है और रामायण के बाद बजरंगबली कहां चले गए?
इन सब सवालों का जवाब भागत गीता और तुलसीदास रचित रामचरितमानस में मिलता है.
पुराणों में उल्लेखित है कि जहां भी रामकथा होगी वहां हनुमान जी गुप्त रूप से विराजमान होंगे.
छठीं सदी में तुलसीदास को हनुमान जी ने ही चित्रकूट के घाट पर रामजी के दर्शन कराए थे.
श्रीमद भागवत में वर्णन है कि हनुमान जी कलयुग में गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं
हालांकि महाभारत में भी ये उल्लेख है कि अपने अज्ञातवास के समय हिमवंत पार करके पांडव गंधमादन के पास पहुंचे थे.
तब भीम सहस्रदल कमल लेने के लिए गंधमादन पर्वत गए तो हनुमानजी ने उनका रास्ता रोका था और वह रास्ते में लेटे हुए थे.
हिमालय के कैलाश पर्वत के उत्तर में गंधमादन पर्वत स्थित है.
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