Apr 5, 2024, 07:32 AM IST
सनातन धर्म के प्रमुख देवों में से महादेव भगवान शिव हैं, जिन्हें भोलेनाथ से लेकर नीलकंठ समेत कई नामों से पूजा जाता है.
भगवान शिव अत्यंत भोले और सरल होने के साथ ही भक्तों से जल्द प्रसन्न होने वाले देव हैं.
यही वजह है कि देव युग यानी सतयुग से लेकर त्रेता और द्वापरयुग में भी भगवान शिव भक्त की थोड़ी सी तपस्या से प्रसन्न होकर वरदान दे देते थे.
वहीं संहार के देवता होने के बावजूद भगवान शिव ने संसार की रक्षा के लिए समुंद्र मंथन के बाद विष पान कर लिया था. तभी से उन्हें नीलकंठ के काम से भी पुकारा जाने लगा.
भगवान शिव के विष पान की कथा प्रचलित है. हिंदू धर्म के ज्यादातर लोगों ने इस कथा को सुना होगा.
लेकिन क्या आप जानते हैं भोलेनाथ ने यह विष कहां और किस जगह पिया था. वह स्थान आज कहां हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकला विष भगवान शिव ने जिस जगह पिया था. आज उसे देवभूमि उत्तराखंड के ऋषिकेश के नीलकंठ महादेव मंदिर के रूप में जाना जाता है.
भगवान शिव नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश के पास मणिकूट पर्वत पर स्थित है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)