Aug 4, 2024, 12:36 PM IST
इस गांव से जाती हैं स्वर्ग को सीढ़ियां, पांडव यहीं से गए थे देवलोक
Ritu Singh
क्या आपको पता है कि महाभारत युद्ध के बाद पांचों पांडव और द्रौपदी स्वर्ग को किस रास्ते से निकले थे.
इस गांव को भारत के अंतिम गांव भी कहा जाता है और मान्यता है कि इस गांव को शिवजी ने बसाया था.
उत्तराखंड के माना गांव जिसे कई लोग माणा गांव भी कहते हैं, यही से स्वर्ग को सीढ़ी जाती है.
माणा गांव सरस्वती नदी के तट पर बसा है. गांव चारों तरफ से हिमालय की पहाड़ियों से घिरा है.
इस गांव में रडंपा जाति के लोग रहते हैं. यह गांव बद्रीनाथ से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो चीन की सीमा से लगा हुआ है.
इस गांव का नाम मणिभद्र देव के नाम पर 'माणा' पड़ा था. इस गांव को शापमुक्त और पापमुक्त भी माना जाता है.
इस गांव से जुड़ी एक और मान्यता है कि यहां आने वाले हर व्यक्ति की गरीबी दूर हो जाती है.
माना गांव में महर्षि वेदव्यास जी की गुफा है. इस गुफा के समीप भगवान गणेश जी की गुफा है. मान्यता है कि इसी गुफा में महाभारत की रचना की गई थी.
उत्तराखंड में स्थित पांडुकेश्वर तीर्थ स्थल पर राज त्याग के बाद महाराज पांडु अपनी धर्म पत्नियों के साथ यहां निवास करते थे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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