Mar 23, 2025, 02:51 PM IST

महाभारत के इस योद्धा का हमेशा हवा में रहने वाला रथ क्यों जमीन में धंस गया था?

Ritu Singh

महाभारत के एक बलशाली योद्धा का रथ हमेशा जमीन से ऊपर यानी हवा में रहता था.

ये 5 पांडवों में से एक का रथ था और ये ज़मीन से चार अंगुल ऊपर ही रहता था. 

कुरुक्षेत्र के युद्ध मैदान में उनका रथ जो हमेशा ऊपर रहता था बस एक गलती के कारण जमीन पर आ गिरा और उसके पहिए धंस गए थे.  

असल में ये रथ युधिष्ठिर का था और वे धर्मराज थे और सदैव सत्य बोलते थे, इसलिए उसके रथ के पहिये ज़मीन से चार अंगुल ऊपर थे.   

लेकिन युद्ध के दौरान उनकी अपनी एक गलती के कारण उनका रथ ज़मीन से टकरा गया.

 युधिष्ठिर के रथ का नाम धर्मपद था. लेकिन जब उनसे द्रोणाचार्य ने अपने पुत्र अश्वस्थामा की हत्या की बात पूछी तो युधिष्ठिर ने... 

कहा का अश्वस्थामा मारा गया लेकिन उनका पुत्र नहीं हाथी. लेकिन युधिष्ठिर के हाथी का नाम लेने से पहले ही कृष्ण ने शंख बजा दिया.

द्रोणाचार्य युधिष्ठिर के मुंह से अश्वस्थामा नाम सुनते ही हथियार शोक में जमीन पर रख दिए और  पांडव सेना के सेनापति धृष्टद्युम्न ने उनकी हत्या कर दी.

बस इस झूठ के कारण हवा में रहने वाला युधिष्ठिर का रथ अचानक से जमीन पर आ धंसा था.