कौन होते हैं तंगतोड़ा साधु? अखाड़ें में UPSC से भी कठिन होता है इनका इंटरव्यू
Ritu Singh
महाकुंभ में नागा ही नहीं तंगतोड़ा साधुओं का जमावड़ा भी खूब होता है. कौन होते हैं ये तंगतोड़ा साधु जिनका...
चयन अखाड़े में यूपीएससी के इंटरव्यू से भी ज्यादा कठिन माना गया है.
तंगतोड़ा साधु ये अखाड़े की परंपरा और त्याग के सर्वोच्च आदर्शों का प्रतीक माने जाते हैं.
जो व्यक्ति अपने परिवार, माता-पिता और खुद का पिंडदान कर आध्यात्मिक मार्ग अपनाता है, उसे सात शैव अखाड़ों में नागा कहा जाता है, जबकि बड़ा उदासीन अखाड़े में ये तंगतोड़ा कहलाते हैं.
इन साधुओं को अखाड़े की कोर टीम का हिस्सा बनाया जाता है. इनका संन्यास लेना और अखाड़े के रिवाजों का पालन करना जीवनभर का संकल्प होता है.
तंगतोड़ा साधु बनने की प्रक्रिया अधिक कठिन है. इसे UPSC के इंटरव्यू से भी कठिन इसलिए कहा जाता है क्योंकि जो सवाल पूछे जाते हैं, उनका उत्तर किसी भी किताब में नहीं मिलता.
तंगतोड़ा साधुओं के चयन के लिए रमता पंच, जो अखाड़े की चयन समिति होती है, उम्मीदवारों का गहन परीक्षण करती है.
ये इंटरव्यू कई दिनों तक चलता है और इन्हें मानसिक और शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इनमें खुले आसमान के नीचे अलाव के सामने 24 घंटे धूना तापना होता है.
रमता पंच द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न सेवा, टकसाल (साधुओं की संपत्ति), गुरु मंत्र, चिमटा, और धुंधा से जुड़े होते हैं. ये प्रश्न केवल संन्यास की परंपराओं को गहराई से समझने वाले साधु ही समझ सकते हैं.