Jul 21, 2024, 04:09 PM IST
द्वापर युग में धर्म की रक्षा के लिए महाभारत का युद्ध लड़ा गया था, बता दें कि यह युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया इसलिए इसे कुरुक्षेत्र का युद्ध भी कहा जाता है.
महाभारत युद्ध में श्रीकृष्ण ने सारथी बनकर अर्जुन की सहायता की और पांडवों को जीत दिलाई. लेकिन क्या आप जानते हैं? उस समय एक ऐसा युद्ध भी हुआ....
जिसमें अर्जुन को करारी हार मिली और इस युद्ध में अर्जुन की मृत्यु भी हो गई थी, लेकिन बाद में वह फिर से जीवित हो गए थे.
महाभारत कथा के अनुसार अर्जुन का यह युद्ध मणिपुर के राजा बभ्रुवाहन से हुआ था, जो अर्जुन के ही पुत्र थे. इस युद्ध में बभ्रुवाहन ने अपने पिता अर्जुन की हरा दिया था.
कथा के अनुसार महाभारत युद्ध समाप्त होने के बाद पांडवों ने अश्वमेध यज्ञ किया, यज्ञ के घोड़े के साथ उसकी रक्षा के लिए अर्जुन भी चल पड़े.
यज्ञ का घोड़ा जहां-जहां गया वहां के राजाओं ने पांडवों की अधीनता स्वीकार कर ली, लेकिन मणिपुर के राजा बभ्रुवाहन ने इसे स्वीकार नहीं किया.
अपने पिता से बभ्रुवाहन युद्ध नहीं करना चाहता था, लेकिन अर्जुन घोड़े की रक्षा करते हुए जब मणिपुर पहुंचे तो अर्जुन ने युद्ध करने को कहा.
बभ्रुवाहन उस समय युवक ही था और अपने बाल स्वभाव के कारण बिना परिणाम सोचे अर्जुन पर बाण छोड़ दिया, जिससे अर्जुन बेहोश होकर धरती पर गिर पड़े.
कथा के अनुसार नागकन्या उलूपी ने संजीवन मणि देकर अर्जुन को पुन: जीवित किया था, इससे अर्जुन को वासुओं के एक श्राप से भी छुटकारा मिला.
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