Jul 17, 2024, 05:55 PM IST
भगवान श्रीकृष्ण को विष्णुजी का आठवां अवतार माना जाता है, धर्म ग्रंथों के अनुसार श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में धरती पर जन्म लिया था.
श्रीकृष्ण भगवान थे लेकिन उन्होंने धरती पर जन्म लिया था, इसलिए उन्हे एक न एक दिन अपना मानव शरीर त्यागना ही था.
कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के 36 वर्ष बाद श्रीकृष्ण ने अपना देह त्याग दिया था और इसी के बाद से कलयुग शुरू हो गया था.
एक कथा के अनुसार महाभारत युद्ध के बाद श्रीकृष्ण ने एक पेड़ के नीचे योग समाधि ले ली थी, वहां एक शिकारी एक हिरण का पीछा करते हुए पहुंच गया.
शिकारी ने कृष्ण के हिलते पैरों को हिरण समझ लिया और तीर चला दिया, तीर लगने पर शिकारी श्रीकृष्ण के पास पहुंचा और अपनी गलती के लिए क्षमा मांगने लगा.
श्रीकृष्ण ने शिकारी को सांत्वना दी और बताया कि कैसे उनकी मृत्यु निश्चित थी, उन्होंने शिकारी से कहा कि तुम मात्र एक जरिया बनकर आए हो.
पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रीकृष्ण और बलराम जी के देह त्यागने के बाद अर्जुन ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया.
कहते हैं श्रीकृष्ण का पूरा शरीर जलकर राख हो गया, लेकिन हृदय नहीं, जो आज भी उड़ीसा के जगन्नाथ जी की मूर्ति में धड़क रहा है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.