Apr 20, 2024, 10:29 PM IST

हनुमान नहीं इस वानर का नाम सुनते ही छिप जाता था रावण

Kuldeep Panwar

रामायण में रावण बेहद बलशाली बताया है. इतना शक्तिशाली कि राक्षस ही नहीं उससे देवता भी डरते थे, लेकिन खुद रावण किससे डरता था?

रामायण के मुताबिक, रावण एक वानर से बेहद डरता था. उसका नाम सुनते ही वह डरकर छिप भी जाता था. लेकिन ये वानर हनुमानजी नहीं थे.

ये वानर बाली था, जो सु्ग्रीव का बड़ा भाई और किष्किंधा का राजा था. रामायण में बाली को सबसे शक्तिशाली योद्धा बताया गया है.

बाली देवराज इंद्र का पुत्र था, जिसे ब्रह्माजी ने यह वरदान दिया था कि बाली से आमने-सामने लड़ने वाले योद्धा की आधी शक्ति उसमें समा जाती थी.

दुश्मन की आधी शक्ति छीन लेने के इस वरदान की बदौलत ही बाली उस समय ब्रह्मांड का सबसे शक्तिशाली और अजेय योद्धा बन गया था.

रावण भी नाभि में अमृत होने के चलते अजेय था. इससे उसमें घमंड था. रावण को बाली के बारे में पता चला तो उसने उसे युद्ध की चुनौती दे दी.

रावण के युद्ध में उतरते ही उसकी आधी शक्तियां छिन गईं और बाली में समा गई. इस बल के दम पर बाली ने रावण को हराकर कैद कर लिया था.

रामायण के मुताबिक, बाली ने रावण का वध नहीं किया, बल्कि उसे कैद में रखकर हर दिन अपमान करने लगा, जिससे रावण ने उससे माफी मांगी.

दावा है कि रावण के माफी मांगने पर भी बाली उसे 6 महीने तक अपनी बगल में दबाकर घूमता रहा. रावण के हार स्वीकारने पर बाली ने उसे छोड़ दिया.

रावण ने बाली की कैद से छूटने पर उसके सामने मित्रता का प्रस्ताव रखा, जिसे बाली ने स्वीकार कर लिया और इसके बाद दोनों मित्र बन गए थे.

बाली ने ताकत के इस घमंड में चूर होकर अपने छोटे भाई सुग्रीव से किष्किंधा का राज्य औऔर उसकी पत्नी को छीनकर उसे निकाल दिया था.

प्रभु श्रीराम ने माता सीता की तलाश में भटकते समय हनुमान के जरिये सुग्रीव से मिलने पर इसी अधर्म के कारण बाली का वध करने का निर्णय लिया था.

बाली को मिले वरदान के कारण ही प्रभु श्रीराम को भी अपने तीर से उसका वध छिपकर तब करना पड़ा था, जब वह सुग्रीव से युद्ध कर रहा था.