Jul 8, 2024, 06:12 PM IST
भारत की धरती को ऋषि, मुनि, सिद्ध और देवताओं की भूमि कहा जाता है. हिंदू धर्म ग्रंथों में ऐसे कई महान ऋषियों के उल्लेख मिलता है...
जिन्होंने वेदों की मंत्र-शक्ति, कठोर योग व तपोबल से ऐसे अद्भुत कारनामों को अंजाम दिया, जो बड़े-बड़े देवता और महाबली राजा भी न कर सके.
ऐसे ही एक महान तपस्वी ऋषि थे महर्षि दधीचि. पौरणिक कथा के अनुसार तप के प्रभाव से महर्षि दधीचि की हड्डियां वज्र से भी ज्यादा शक्तिशाली हो गयी थीं.
एक कथा के अनुसार, एक बार वृत्रासुर नामक राक्षस ने इंद्रलोक पर अधिकार कर लिया और सभी देवताओं को देवलोक से बाहर निकाल दिया था.
ऐसे में सभी देवतागण ने ब्रह्माजी से मदद मांगने पहुंचे, ब्रह्माजी ने देवताओं से महर्षि दधीचि के पास जाकर मदद मांगने की सलाह दी और कहा...
महर्षि दधीचि अगर अपनी अस्थियों का दान कर दें तो उन अस्थियों से एक वज्र बनाया जा सकेगा और उस वज्र की शक्ति से ही वृत्रासुर का वध हो सकता है.
इंद्र देव ने महर्षि दधीचि से जब सारी व्यथा सुनाई तब देवताओं के कल्याण और असुरों के वध के लिए वज्र के निर्माण हेतु उन्होंने अपनी अस्थियां दान कर दीं.
इन हड्डियों से एक शक्तिशाली ‘तेजवान’ नामक वज्र बनाया गया और इसी वज्र के बल पर इंद्र देव ने वृत्रासुर का वध कर दिया तीनों लोक उसके भय से मुक्त हो गए.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महर्षि दधीचि की हड्डियों से कई और शक्तिशाली हथियार बनाए गए.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.