May 21, 2024, 08:10 PM IST
महाभारत में पितामह भीष्म एक ऐसे योद्धा थे, जिन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था. ऐसे में उन्हें युद्ध में हरा पाना किसी के भी बस की बात नहीं थी.
पौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत युद्ध में जब भीष्म पांडवों पर भारी पड़ने लगे थे तब श्री कृष्ण ने शिखंडी सहारा लिया.
शिखंडी को महाभारत का एक रहस्यमय पात्र माना गया है, जो पूर्वजन्म में स्त्री था और भीष्म की मृत्यु की कामना से शिखंडी नें पुरुष के रूप में दोबारा जन्म लिया था.
दरअसल, भीष्म ने विचित्रवीर्य के विवाह के लिए काशीराज की तीन पुत्रियों अंबा, अंबिका और अंबालिका का अपहरण किया था.
तीनों बहनों में से अम्बा राजा शाल्व से प्रेम करती थीं, यह बात भीष्म को पता चली तो उन्होंने अम्बा को राजा शाल्व के पास भेज दिया. लेकिन, उन्होंने अम्बा को अपनाने से मना कर दिया.
इसके बाद अम्बा ने भीष्म को उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार करने को कहा. लेकिन भीष्म ने अपनी प्रतिज्ञा के कारण इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
अपने साथ हुए दुराचार की वजह से अम्बा ने भीष्म से बदला लेने की ठान ली. भगवान शिव से प्राप्त वरदान से अंबा का पुनर्जन्म शिखंडी के रूप में हुआ, जो वास्तव में स्त्री था.
इस युद्ध में भाग लेने के लिए अम्बा ने पुरुष वेश धारण किया था, यह बात भीष्म को पता थी. इसलिए भीष्म ने शिखंडी को स्त्री रूप मान अपने शस्त्र उनके समक्ष रख दिए.
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तभी श्री कृष्ण के कहने के कहने पर अर्जुन ने भीष्म पितामह को अपने बाणों से छलनी कर दिया और उन्हें बाणों की शैय्या पर लिटा दिया.