Mahabharat में रोज मारे जाते थे लाखों सैनिक, लेकिन कभी बर्बाद नहीं हुआ अन्न
Aman Maheshwari
महाभारत युद्ध में कुल मिलाकर करीब 50 लाख से अधिक सैनिकों ने हिस्सा लिया था. ऐसे में इन सभी का भोजन की व्यवस्था देखना भी बड़ा काम था.
महाभारत के युद्ध में दोनों पक्षों की ओर से 18 अक्षौहिणी सेनाएं लड़ी थी. इनमें से 11 सेनाएं कौरवों की और से और 7 सेनाएं पांडवों की ओर से थी.
ऐसे में इस महाभारत में इतनी बड़ी सेना के लिए भोजन की व्यवस्था उडुपी नरेश ने देखी थी. उन्होंने कहा कि मेरी इस युद्ध में हिस्सा लेनी कि इच्छा नहीं है.
ऐसे में राजा उडुपी ने कहा कि, वह यहां पर अपनी सेना के साथ उपस्थित रहेंगे और समस्त सेना के भोजन का प्रबंध करेंगे.
वह रोजाना सैनिकों के लिए भोजन की व्यवस्था करते थे. लेकिन हैरानी की बात यह थी कि रोजाना लाखों सैनिकों के मारे जाने के बाद भी कभी भोजन बर्बाद नहीं हुआ.
वह रोजाना जीवित योद्धाओं के बराबर ही भोजन तैयार करते थे. युद्ध के बाद युधिष्ठिर ने उडुपी नरेश से इस बारे में पूछा वह ऐसी व्यवस्था कैसे करते थे.
इस बारे में राजा उडुपी ने बताते हुए कहा कि. श्रीकृष्ण प्रतिदिन मूंगफली खाते थे. मैं उनके शिविर में मूंगफली गिनकर रखता था. उनके मूंगफली खाने के बाद फिर से गिनती करता था.
वह जितनी मूंगफली खाते थे अगले दिन युद्ध में 1000 गुना सैनिक मारे जाते थे. अगर उन्होंने 50 मूंगफली खाई तो युद्ध में 50000 सैनिक मारे जाएंगे. इसी के अनुपात में अगले दिन का भोजन तैयार किया जाता था.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.