Apr 15, 2024, 11:59 AM IST

महाभारत के इन दो योद्धाओं ने एक-दूसरे के प्यार में दी थी अपनी जान 

Ritu Singh

महाभारत काल में जरासंध की सेना में दो योद्धा ऐसे थे जिनके बीच इतना प्रेम था कि दोनों एक-दूसरे के बिना अलग नहीं रह सकते थे.

कृष्ण के साथ जब जरासंध का युद्ध हुआ तो उसके दो परम प्रिय योद्धा हंस और डिंभक भी उसमें शामिल थे.

हरिवंश पुराण के 287वें अध्याय के अनुसार राज ब्रह्मदत्त को शिवजी की कृपा से दो पुत्र हुए थे हंस और डिंभक.

जरासंध के सेनापति हंस और डिंभक को किसी भी शस्त्र से मारा नहीं जा सकता था. दोनों शक्तिशाली भी थे.

महाभारत के सभापर्व के 14वें अध्याय में हंस और डिंभक के यादवों से युद्ध का जिक्र है. 

श्रीकृष्ण ने हंस और डिंभक को युद्द के 17वें दिन ये रणनीति के तहत मारने की योजना बनाई थी.

युद्ध के दौरान कृष्ण ने ये अफवाह फैलाई की हंस युद्ध में मारा गया और ये सुनते ही डिंभक यमुना नदी में कूदकर अपनी जान दे दी थी.

उधर, डिंभक के मौत की सूचना मिलते ही हंस ने भी यमुना में कूद कर अपनी जान दे दी थी.

बता दें की जरासंध सेनापति हंस और डिंभक की मौत से इतना दुखी हुआ की युद्ध बीच में ही छोड़कर अपनी सेना लेकर वापस लौट गया.