Jul 28, 2024, 06:36 PM IST

कौन थी वो पहरेदार, जिसके रहते लंका में कोई नहीं कर सकता था प्रवेश?

Abhay Sharma

रामायण में आने वाले हर एक छोटे से छोटे पात्र का अपना महत्व है और रामायण में उनकी उपस्थिति रोमांच और रहस्य को बनाए रखती है. 

रामायण कथा के अनुसार, जब हनुमान जी माता सीता का पता लगाने लंका गए तो वहां उनकी भेंट लंकिनी से हुई. 

पौराणिक कथाओं के अनुसार लंकिनी लंका राज्य की सुरक्षा प्रभारी थी और लंका नगर के प्रवेश द्वार पर पहरा देने काम लंकिनी का था. 

वह बेहद शक्तिशाली व बलवान स्त्री थी, जिसे रावण ने लंका की सुरक्षा का उत्तरदायित्व सौंपा था. बगैर लंकिनी के आज्ञा कोई भी लंका में प्रवेश नहीं कर सकता था. 

हनुमान जी जब लंकिनी को चकमा देकर लंका में प्रवेश करने लगे तो लंकिनी ने उन्हें देख लिया और उनपर आक्रमण करने दौड़ी.

ऐसे में हनुमान जी ने अपने एक जोरदार प्रहार से लंकिनी को चारों खाने चित कर दिया और लंकिनी गिरकर अचेत हो गई.  

 लंकिनी ने हनुमान जी से कहा कि उन्हें समझ आ गया है कि अब राक्षसों के अंत का समय निकट है, यह कहकर वह ब्रह्म लोक की ओर चली जाती है. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.