Jan 13, 2024, 10:29 PM IST

कौन थी हनुमान से टकराने वाली लंकिनी?

Kuldeep Panwar

रामायण में हनुमान द्वारा समुद्र को लांघकर सीता माता को लंका में खोज निकालने का प्रसंग बेहद मशहूर है. इसी के जरिये हनुमान को अपनी भूली हुई शक्तियां याद आई थीं.

रामायण के इस प्रसंग का अहम हिस्सा लंकिनी भी थी, जिसने हनुमान की राह रोककर उनके लंका में प्रवेश में बाधा डाली थी और उनसे युद्ध किया था.

लंकिनी एक बेहद शक्तिशाली स्त्री थी, जिसका काम लंका के प्रवेश द्वार पर पहरा देना था. लंकिनी से बचकर कोई लंका में नहीं घुस सकता था.

लंका में उसी व्यक्ति को प्रवेश मिल सकता था, जिसे लंकिनी की इजाजत मिलती थी यानी जिसके लंका में जाने से लंकिनी कोई खतरा महसूस नहीं करती थी.

लंका की सुरक्षा पर लंकिनी को रावण ने नहीं बल्कि भगवान ब्रह्मा ने तैनात किया था, जिन्होंने सोने की लंका कुबेर को दी थी. कुबेर से लंका रावण ने जीत ली थी.

ब्रह्माजी द्वारा तैनात किए जाने के कारण यह तय है कि लंकिनी कोई राक्षसी नहीं बल्कि देव अंश ही थी. लेकिन उसे भूल के कारण राक्षसी बनना पड़ा था.

लंकिनी ने अपनी तैनाती के समय भगवान ब्रह्मा से एक सवाल किया था. लंकिनी ने ब्रह्मा जी से पूछा था कि उसे लंका की सुरक्षा कब तक करनी होगी? 

लंकिनी के सवाल के जवाब में ब्रह्मा जी ने उसे कहा कि एक दिन भगवान वानर रूप में आएंगे और तुम्हें युद्ध में हराएंगे. तब तुम्हारी मुक्ति होगी.

रामायण के मुताबिक, हनुमान जब सीता जी की खोज में समुद्र तट पर अंगद, जामवंत आदि के साथ पहुंचे तो उन्हें जटायु के भाई ने सीता के समुद्र पार लंका में होने की संभावना बताई थी.

हनुमान जब समुद्र फलांग कर लंका पहुंचे तो उनका सामना लंकिनी के साथ हुआ था. हनुमान ने लंकिनी के ललकारने पर युद्ध में उसे परास्त किया था. इसके बाद लंकिनी वापस देवलोक लौट गई थीं.