Oct 11, 2024, 05:53 PM IST

घर क्यों लाया जाता है रावण दहन का राख?

Abhay Sharma

नवरात्रि महापर्व के अंतिम दिन दशहरा मनाया जाता है, जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था. 

इस दिन कई सार्वजनिक स्थानों पर रावण, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला बनाकर उसका दहन किया जाता है. कई जगहों पर रावण दहन के बाद उसका राख घर लाने की परंपरा है. 

मान्यता है कि सोने की लंका का निर्माण धनपति कुबेर ने करवाया था और इसलिए लंका की राख को तिजोरी में रखने से तिजोरी में कुबेर जी का वास बना रहता है.

इतना ही नहीं इस राख को घर में रखने से सुख-समृद्धि बनी रहती है और धन का आगमन होता है और इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. 

कुछ मान्यताओं के अनुसार, अस्थियों की प्रतीक राख को घर में रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश भी नहीं होता है और घर में धन स्थाई रूप से टिका रहता है.

इसके अलावा रावण की अस्थियों को लाने से यह प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने अंदर की बुराइयों को दूर करना चाहिए और जीवन में अच्छे गुणों का विकास करना चाहिए.

बताते चलें कि रावण दहन प्रदोष काल में किया जाता है और पंचांग के अनुसार, 12 अक्टूबर को रावण दहन का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 53 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 27 मिनट तक का है.

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.