लक्ष्मण के मृत्युदंड में क्यों दुर्वासा थे जिम्मेदार
Abhishek Shukla
राम को अपने भाइयों में लक्ष्मण सबसे प्रिय थे.
राम-लखन की जोड़ी की आज भी लोग मिसाल देते हैं.
पर क्या आप जानते हैं कि भगवान राम ने लक्ष्मण को मृत्युदंड दिया था.
रामायण में लिखा है कि राम ने न चाहते हुए भी प्राण से अधिक प्रिय अपने लघु भ्राता लक्ष्मण को मृत्युदंड दिया था.
भगवान राम से वार्ता करने यमराज आए थे. उन्होंने शर्त रखी कि यह वार्ता गोपनीय रहेगी, यदि कोई भी वार्ता के बीच आया तो उसे मृत्युदंड मिलेगा.
राम सहमत हुए. वार्ता चल ही रही थी तभी ऋषि दुर्वासा आ गए. वह राम से मिलना चाहते थे, लक्ष्मण ने उन्हें रोका, उन्होंने कहा कि वे पूरी अयोध्या को शापित कर देंगे.
अयोध्यावासियों को शाप से बचाने के लिए लक्ष्मण उस कक्ष में चले गए जहां यमराज और राम वार्ता कर रहे थे.
यमराज और राम के बीच बनी शर्त टूट गई.
दुर्वासा को बचाने के लिए लक्ष्मण ने मृत्युदंड को स्वीकार किया और बैकुंठ लोक चले गए.