May 21, 2024, 02:17 PM IST
महाभारत के युद्ध में भीष्म एक ऐसे योद्धा थे, जिन्हें इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था.
इसी वरदान के चलते भीष्म 58 दिनों तक बाणों की शैया पर लेटे रहे और प्राण त्यागने के लिए एक खास दिन का इंतजार करते रहे.
पौराणिक कथा के अनुसार 58 दिनों तक पीड़ा सहने के बाद भी भीष्म पितामह ने अपने प्राण को रोक कर रखा था...
और उन्होंने सूर्य उत्तरायण के दिन अपने शरीर का त्याग किया. यानी सूर्य उत्तरायण के दिन ही भीष्म की मृत्यु हुई थी.
हिंदू धर्म-ग्रंथों में ऐसी मान्यता है जो भी व्यक्ति सूर्य उत्तरायण के दिन देह त्यागता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
यही कारण है कि 58 दिनों तक पीड़ा सहने के बाद भी भीष्म पितामह ने अपने प्राण नहीं त्यागे.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.