महापापी दुर्योधन को मरता देख भीम से क्यों नाराज हो गए कृष्ण के भाई बलराम
Ritu Singh
महाभारत में कौरवों ने पांडवों के साथ कई बार ऐसे कर्म किये कि उन्हें महापापी कहा जाने लगा.
दुर्योधन ने पांडवों की पत्नी द्रोपदी को चीरहरण के समय अपनी जांघ पर बिठाने को कहा था.
उसी समय भीम ने प्रण लिया था कि दुर्योधन की जांघ तोड़ेगा और द्रौपदी ने दुर्योधन के रक्त से अपने केश धोने की प्रण किया था.
महाभारत युद्ध में जब भीम ने दुर्योधन पर गदा से वार किया तो कृष्ण ने भीम को दुर्योधन के जांघ पर वार करने का इशारा किया था.
क्योंकि दुर्योधन की मौत केवल जांघ पर वार से ही हो सकती थी. भीम के जांघ पर वार करने से कृष्ण के बड़े भाई बलराम बेहद नाराज होने लगे.
असल में बलराम ही दुर्योधन के गदा गुरु थे और दुर्योधन उनका प्रिय शिष्य भी.
गदा युद्ध के नियम (गदा युद्ध में शरीर के निचले भाग पर हमला नहीं करते) को टूटता और प्रिय शिष्य को मरता हुए देख बलराम वहां आते है और भीम पर हमला कर देते है.
लेकिन श्री कृष्ण उन्हें समझाते है और शांत करके वापस चले जाने के लिए मनाते है. और इस तरह दुर्योधन का अंत होता है.