May 31, 2024, 10:30 PM IST

भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में क्यों बांधा? 

Smita Mugdha

गंगा नदी को हिंदू धार्मिक मान्यताओं में बहुत महत्वपूर्ण स्थान मिला है और इसे पवित्र नदी भी माना जाता है.

गंगा नदी के बारे में धार्मिक मान्यताओं के आधार पर यह भी माना जाता है कि यह शिवजी की जटाओं से होकर धरती पर पहुंची है. 

शिवजी की जटाओं में गंगा नदी के समाहित होने के पीछे कई मान्यताएं हैं. आइए जानते हैं इस बारे में. 

भागीरथ ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा ने धरती पर उतरने का वरदान दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि उनका वेग धरती सह नहीं पाएगी. 

ऐसे में भागीरथ ऋषि ने शिवजी की तपस्या की और उनकी मनोकामना पूरी करने के लिए गंगा को शिवजी ने अपनी जटाओं में रोक लिया.

 एक मान्यता यह भी है कि गंगा नदी को अपने वेग के प्रवाह को लेकर अहंकार था. इसलिए उन्हें शिवजी ने अपनी जटाओं में बांध लिया था. 

शिवजी के जटाओं में बांधने के कारण गंगा का वेग कम हो गया और वो पृथ्वी पर राजा भगीरथ के पीछे पीछे चल दीं. 

भगीरथ के पीछे-पीछे चलते हुए गंगा वहां पहुंची जहां भगीरथ के पूर्वजों की राख पड़ी हुई थी.

गंगा के स्पर्श से भगीरथ के पूर्वज मोक्ष को प्राप्त हुए. आज भी उस जगह पर मेले का आयोजन किया जाता है.