भगवान श्रीराम ने लक्ष्मण को क्यों दिया था मृत्युदंड
Nitin Sharma
भगवान श्रीराम के सबसे प्रिय भाई भरत थे, लेकिन लक्ष्मण उन्हें प्राण से भी प्यारे थे.
भगवान श्रीराम के साथ परछाई की तरह रहने वाले भाई लक्ष्मण का श्रीराम के साथ हर जगह जिक्र मिलता है.
लेकिन एक समय ऐसा आया, जब श्रीराम को अपने सबसे प्रिय भाई लक्ष्मण को मृत्युदंड देना पड़ा था.
धर्मग्रंथों के अनुसार, एक बार यमराज भगवान श्रीराम के दरबार में उनसे चर्चा करने पहुंचे.
लेकिन यमराज ने श्रीराम से कहा कि मुझे कुछ खास चर्चा करनी है, लेकिन इसबीच कोई नहीं आना चाहिए. अगर कोई आता है तो उसे मृत्युदंड देना होगा.
भगवान श्रीराम ने यमराज की यह बात मानते हुए छोटे भाई लक्ष्मण को द्वारपाल के रूप नियुक्त किया और कहा कि कोई अंदर नहीं आने पाये.
लेकिन जैसे ही लक्ष्मण द्वारपाल बने तुरंत ऋषि दर्वासा श्रीराम से मिलने के लिए पहुंच गये. लक्ष्मण जी ने उन्हें रोका तो ऋषि क्रोधित हो गये. उन्होंने कहा कि अगर श्रीराम से भेट नहीं हुई तो वह अयोध्या को श्राप दें देंगे.
ऐसे में लक्ष्मण को मजबूरी वश यमराज और भगवान श्रीराम की वार्ता के बीच उनके पास जाना पड़ा.
यमराज से वार्ता के बीच जैसे ही श्रीराम ने लक्ष्मण को आते देखा वह चिंता में पड़ गये. क्योंकि उन्होंने यमराज से वादा किया था कि जो भी आएगा उसे मृत्युदंड देंगे.
इसी के चलते श्रीराम ने अपने सबसे प्रिय भाई लक्ष्मण जी को त्याग दिया. इसी के बाद लक्ष्मण जी ने जल समाधि लेकर अपना जीवन समाप्त कर दिया.