Mar 24, 2024, 12:50 PM IST

भगवान राम ने सरयू नदी में क्यों ली थी जलसमाधि?

Abhishek Shukla

वाल्मीकि रामायण कहती है कि भगवान राम ने 11000 साल तक अयोध्या में शासन किया था.

उन्होंने पृथ्वी पर रामराज्य की स्थापना कर दी थी और बैकुंठ जाने का समय आ गया था.

तभी एक दिन संत के भेष में यमराज उनसे मिलने पहुंचे. उन्होंने शर्त रखी कि इस बैठक में सिर्फ वे और राम रहेंगे.

शर्त थी कि जो भी बीच समय आया, उसे मृत्युदंड मिलेगा.

दुर्वासा ऋषि भी उसी वक्त आ गए. उन्होंने राम से मिलने दिया जाए नहीं तो अयोध्या और राम को शापित कर देंगे.

शाप के भय से दौड़कर लक्ष्मण उस कक्ष में पहुंचे, जहां प्रभु राम के साथ वार्ता चल रही थी.

राम के प्राणों से प्रिय भाई लक्ष्मण को वचनबद्धता की वजह से मृत्युदंड मिला, उन्होंने लक्ष्मण घाट में जलसमाधि ले ली. 

मां सीता पहले ही धरती में भू समाधि ले चुकी थीं.

काल ने भगवान राम से कहा कि प्रभु, अब आपके अपने बैकुंठ धाम लौटने का समय हो गया है, अब आप भी प्रस्थान कीजिए.

भगवान राम अयोध्या ने अपने गुरुदेव वशिष्ठ मुनि से बैकुंठ गमन की आज्ञा मांगी. उनके सात अयोध्यावासी भी जाने की जिद करने लगे.

भगवान ने अयोध्या वासियों के साथ सरयू में जलसमाधि ले ली. आज इस घाट को लोग गुप्तार घाट से भी जानते हैं.