May 10, 2024, 02:15 PM IST
आंगन में आए कौए के पीछे क्यों भागते हैं बच्चे?
Smita Mugdha
आपने आंगन में या कभी बाहर भी कौवों के पीछे बच्चों को भागते जरूर देखा होगा.
बाल सुलभ इस हरकत के पीछे वैसे हिंदू धर्म में एक मान्यता भी है जिसे इससे जोड़कर देखा जाता है.
दरअसल हिंदू धर्म में कौवों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है और उनके साथ तरह की मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं.
एक मान्यता है कि कौवे अगर आंगन में सुबह से ही बोलने लगें, तो उस दिन घर में कोई मेहमान आ सकता है.
इसके अलावा, कौवों को पितरों से भी जोड़कर देखा जाता है और कहा जाता है कि पिंडदान या मृत्युभोज के बाद कौवे आते हैं.
दरअसल आंगन में खेलते बच्चों के आसपास कौवों के आने के पीछे भी पितरों से ही जुड़ी मान्यता होती है.
ऐसा माना जाता है कि हमारे पितर या पूर्वज कौवों के जरिए अपने परिवार के बच्चों को दुलारने आते हैं.
कौवों के रूप में पितर आते हैं और घर के मासूमों के साथ खेलकर सुख से लौटते हैं.
बहुत से घरों में इसलिए कौवों के लिए अलग से किसी कोने में दाना-पानी रखने का भी रिवाज होता है.
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