Apr 12, 2025, 09:23 AM IST
हनुमानजी क्यों क्यों याद दिलानी पड़ती हैं उनकी शक्ति?
Ritu Singh
हनुमानजी के पास अपनी शक्ति के साथ-साथ वरदान शक्ति भी थी. वह अपनी सारी शक्तियाँ भूलकर एक साधारण वानर बन गए थे.
हनुमानजी को कई देवताओं ने तरह-तरह के वरदान और हथियार दिए थे.
इन्हीं वरदानों और अस्त्र-शस्त्रों के कारण हनुमानजी बचपन में भ्रमित हो गए थे.
वही, हनुमान जी भी ऋषि-मुनियों के बगीचों में घुस जाते थे और फल-फूल खाकर बगीचों को नष्ट कर देते थे.
वे तपस्वी भिक्षुओं को सताते थे. क्रोध बढ़ने पर ऋषि ने इसकी शिकायत अपने पिता केसरी से की.
माता-पिता ने भी ऐसा न करने की बहुत कोशिश की, लेकिन हनुमानजी शरारत करने से नहीं रुके.
एक दिन अंगिरा और भृगु कुल के ऋषियों ने क्रोधित होकर श्राप दे दिया कि वे अपनी शक्ति और ताकत को भूल जाएंगे लेकिन...
अगर उन्हें इस बात का पता चलेगा तो सही समय पर उन्हें शक्ति की याद आएगी.
भगवान श्री राम ने वानरसेना का निर्माण किया और फिर जब लंका जाने के लिए राम सेतु का निर्माण किया जा रहा था.
तब श्री राम ने हनुमानजी को लंका जाने का आदेश दिया, लेकिन हनुमानजी ने लंका जाने में असमर्थता व्यक्त की
क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि उनके पास कई धन्य शक्तियां हैं. वे उन शक्तियों को भूल गये थे.
ऐसे में जामवंतजी ने हनुमानजी को उनकी शक्तियों की याद दिलाई. इसके बाद हनुमान जी को अपनी शक्ति का एहसास हुआ.
जैसे ही हनुमानजी को अपनी शक्ति का एहसास होता है वे विशाल रूप धारण कर लेते हैं और समुद्र पार करने के लिए उड़ गए थे.
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