May 16, 2024, 08:46 AM IST

रामायण-महाभारत में क्यों कोई भी योद्धा एक साथ इस तीर का प्रयोग नहीं कर सकता था?

Ritu Singh

आज आपको उस अस्त्र के बारे में बताएंगे जिसे रामायण या महाभारत में कोई भी एक साथ प्रयोग ही नहीं कर सकता था.

ये अस्त्र एक अभिमंत्रित तीर था जिसे कोई एक ही चला सकता था और जिसने पहले उस तीर को निकाला वही उसका प्रयोग कर सकता था.

इस तीर का जिक्र महर्षि कम्बन की इरामावतारम में मिलता है और ये तीर पाशुपतास्त्र था.

पाशुपतास्त्र शक्ति ये थी कि ये सृष्टि को नष्ट करने और सभी प्राणियों को जीतने में सक्षम था.

लेकिन इसे प्रयोग एक बार में एक ही योद्धा कर सकता था और लक्ष्मण जी ने इस तीर के जरिये रावण और जामवंत की बातें कोसो दूर से सुनीं थीं.

असल में जामवंत श्रीराम के यज्ञ के लिए जब लंका रावण को न्योता देने गए थे तब लक्ष्मण जी ने पाशुपतास्त्र साध रखा था,

ताकि रावण के इंकार करते ही वह लंका को नष्ट कर देते, रावण को जामवंत ने ये बात बता दी थी.

यही कारण था कि रावण के बेटे मेघनाथ के त्रोण में भी पाशुपतास्त्र था लेकिन वह प्रयोग नहीं कर सकता था क्योंकि लक्ष्मण जी ने पहले ही इसे साध लिया था.

महादेव से मिला पाशुपतास्त्र वह अमोघ अस्त्र माना गया था जिसका प्रयोग सृष्टि में एक साथ दो धनुर्धर कर ही नहीं सकते थे.